Friendship Creative Thinking by smartbloging - March 28, 2022March 28, 20220 मित्रता (Friendship) मित्रता की चाह मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति होती है। हर आदमी एक ऐसे साथी, एक ऐसे मित्र की खोज में रहता है, जिसके समक्ष वह अपना हृदय खोलकर रख सके। अपने सुख-दुःख तथा रहस्य को प्रकट कर सके। यह कामना बड़ी ही स्वाभाविक है कि कोई ऐसा मित्र मिल सकता जो सुख-दु:ख, आपत्ति-संकट में साझीदार बन सकता। हृदय के भावों को ठीक-ठाक समझ सकता और उनके साथ संवेदना रख सकता। मित्रता का संबंध मनुष्य के लिए वह विश्वासपूर्ण वातावरण पैदा करता है, जहाँ वह अपने आंतरिक तथा बाह्य जीवन की अभिव्यक्ति निस्संकोच रूप से कर सकता है। - इस संसार में विषम परिस्थितियों का आना असंभाव्य नहीं है। अमीर-गरीब, सबल-निर्बल सभी पर आपत्तियाँ आ सकती हैं। कभी-कभी यह आपत्तियाँ इतनी आकस्मिक
Creative Thinking Creative Thinking by smartbloging - March 28, 2022March 28, 20220 रचनात्मक सोच (Creative Thinking) रचनात्मक सोचना-नये विचारों, नये तथ्यों या नये समाधानों की खोज करना है। रचनात्मक सोच से बुद्धि तीव्र होती है तथा मानसिक तनाव नहीं होता। विचार शक्ति ही मनुष्य तथा अन्य पशुओं में भेद करने वाली होती है। मनुष्य की बुद्धि की परीक्षा केवल इसी बात से होती है कि वह कितनी सुगमता से कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर सकता है। जिस मनुष्य का मस्तिष्क निर्णय करने की क्षमता नहीं रखता तो समझना चाहिए कि उसने अच्छी आदतों का अभ्यास नहीं किया। अर्थात् जिस मनुष्य के पास मस्तिष्क है, उसके लिए विचार करना भी अनिवार्य है। अपनी शक्तियों को विकसित कीजिए, अपनी गुत्थी आप सुलझायें, गुत्थियों का हल अपने भीतर है। सोचना ही आपकी मनोवृत्ति को निर्धारित करता है। परिस्थितियों का तर्क